Vastu Tips: यदि किसी घर में वास्तु दोष हो तो इसकी वजह से घर में कलह, परिवार के किसी सदस्य को बीमारी या धन-हानि जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं. वास्तुशास्त्र में घर में पॉजिटिव एनर्जी लाने और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने और के कई उपाय बताए गए हैं.
- घर के मुख्य द्वार पर लगाना चाहिए स्वास्तिक
- सुबह बाद घर के मुख्य द्वार पर लगाए झाड़
नई दिल्ली: वास्तुशास्त्र के अनुसार यदि घर में कोई वास्तु दोष तो इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है. घर में वास्तु दोष होने से जीवन में कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. यदि किसी घर में वास्तु दोष हो तो इसकी वजह से घर में कलह, परिवार के किसी सदस्य को बीमारी या धन-हानि जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं.
वास्तुशास्त्र में घर में पॉजिटिव एनर्जी लाने और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने और के कई उपाय बताए गए हैं. वास्तुशास्त्र के अनुसार घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश मुख्य द्वार से होता है. आज आपको कुछ ऐसे उपाय बताने जा रहे हैं जो मुख्य द्वार पर करने से घर में पॉजिटिव एनर्जी आती है और नकारात्मकता का नाश होता है.
– वास्तुशास्त्र के अनुसार रोजाना सुबह घर के मंदिर में धूप दीप करने के बाद मुख्य द्वार पर जल में हल्दी डालकर छींटे मारें. इसके बाद मुख्य द्वार के दरवाजे के दोनों तरफ थोड़ा साफ जल प्रवाहित करें. ऐसा करने से आपके घर में सकारात्मक
ऊर्जा का प्रवेश होगा.
– घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश मुख्य द्वार से होता है. इसलिए घर का मुख्य द्वार हमेशा साफ सुथरा होना चाहिए.
– रोजाना सुबह उठने के बाद घर के मुख्य द्वार पर झाड़ लगाए. ऐसा करने से घर में मौजूद नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है.
– हिंदू धर्म में स्वास्तिक का विशेष महत्व है. वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के मुख्य द्वार पर स्वास्तिक बनाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है. माना जाता है कि घर के मुखिया या घर के सबसे बड़े बेटे को रोजाना घर के मुख्य द्वार पर स्वास्तिक बनाना चाहिए. मान्यता है कि ऐसा करने से घर को किसी की बुरी नजर नहीं लगती है और नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है.
– वास्तुशास्त्र के अनुसार रोजाना सूर्यास्त के बाद मंदिर में दिया जलाना चाहिए और एक दिया घर के मुख्य द्वार पर भी रखना चाहिए. माना जाता है कि ऐसा करने से घर में मां लक्ष्मी का वास होता है और घर में सुख समृद्धि बनी रहती है.
– वास्तुशास्त्र के अनुसार घर के मुख्य द्वार का दरवाजा टूटा-फूटा नहीं होना चाहिए. माना जाता है कि अगर मुख्य द्वार के दरवाजे को खोलने और बंद करने में आवाज आती हो या दरवाजा टूटा हुआ हो तो इससे वास्तु दोष होता है.
– वास्तुशास्त्र के अनुसार मुख्य द्वार का दरवाजा हमेशा साफ सुथरा होना चाहिए. अगर मुख्य द्वार का दरवाजा टूटा है या उसमें से आवाज आती है तो दरवाजे को तुरंत सही करवाएं.
घर में सकारात्मक ऊर्जा कैसे बढ़ाएं ?
– घर को साफ-सुथरा रखने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. अव्यवस्था स्थिर ऊर्जा पैदा करती है और सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह को रोकती है. घर में कभी टूटी या चटकी हुई चीजें न रखें. अलमारी और दराज से ऐसी चीजें साफ कर दें, जिनकी जरूरत नहीं है.
– घर को अच्छी तरह से साफ करें और सुनिश्चित करें कि वहां कोई मकड़ी के जाले न हों. घर में नमक के पानी का पोछा लगाएं. माना जाता है कि ऐसा करने से नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव घटता है.
– घर का मुख्य द्वार ऊर्जा के प्रवाह का एंट्री पॉइंट होता है. जो गेट घर के बाहर की ओर खुलता है, वह ऊर्जा को घर से दूर धकेल देता है. लिहाजा मुख्य द्वारा ऐसा होना चाहिए जो क्लॉकवाइज (जिस तरह घड़ी घूमती है) तरीके से खुले.
– अगर दरवाजा पूरी तरह नहीं खुलेगा तो अवसर भी सीमित हो जाएंगे. यह सुनिश्चित करें कि मुख्य द्वार के पास लॉबी में अंधेरा न रहे. अच्छी रोशनी होने से ऊर्जा का प्रवाह बना रहता है और परिसर में संतुलन और शांति बढ़ती है.
– हर घर में दरवाजे के फ्रेम के पास फ्लोर पर डेवढ़ी होनी चाहिए. यह घर को बाहरी नकारात्मक प्रभावों से बचाता है.
– सुनिश्चित करें कि घर का मेन गेट साफ सुथरा हो. मेन गेट पर शू रैक न रखें, क्योंकि मेन गेट समृद्धि और सकारात्मकता का द्वार है.
– घर के मुख्य दरवाजे के पास पानी और फूलों की पंखुड़ियों से भरा बर्तन वास्तु के अनुसार अच्छा होता है.
CREDIT: Zee Hindustan